जेपी डायरी
मन की भावनाओं को लेखनी के रूप में लिखने का एक प्रयास.
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11 November, 2017
सदाबहार-3
जिस हाल में हूँ उस हाल में रहने दो।
हाथो मे चाकू न दो कलम भी रहने दो।
सताया हूँ इस कदर उसके दिल का।
जितना बहना है आँसू बहने दो।
जेपी हंस
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